आज कल ऐसा देखा
जा रहा
है की
फैमिली में बच्चे पर्सनल
स्पेस की
बहुत ज्यादा
डिमांड करने
लगे है
वो चाहते
है की
उनका रूम
अलग हो
, उनके सारे
सामान कोई
न छुए,
जब वो
कमरे में
हो तो
कोई उन्हें
परेशान ना करे
और पेरेंट्स
उन्हें किसी
भी बात
के लिए
ना रोके और ना
कुछ
कहे , इस
कारण पेरेंट्स
पर बहुत
ज्यादा दबाव
रहता है
की वो
किस तरह
से पेरेंटिंग
करे की
बच्चो को
ज्यादा परेशानी
भी ना
हो और
बच्चे डिस्प्लीन
में
भी रहे
-क्या करे पेरेंट्स
- हफ्ते में एक दिन टीवी ऑफ रखने या मोबाइल और इंटरनेट बहुत कम इतेमाल करने
का बच्चो से प्रॉमिस ले और खुद भी इस नियम को माने
- बच्चो की पॉकेट मनी के बारे
में बात करे वो पैसे कहा खर्च करते है और कैसे पैसे बचाते है इस पर बात करे और उनको
मनी मैनेजमेंट सिखाये
- बच्चो के साथ ज्यादा बाहर जाने
की कोशिश करे इसमें कही घूमने जाना , हिस्टोरिकल प्लेसेस देखना या पार्क में जा के
घूमना शामिल करे
- बच्चो को शेयरिंग करना सुरु
से सिखाएं जैसे गेस्ट आने पर अपना रूम, अपने पुरानी किताबे और कपडे को जरुरत मंद बच्चो को देना
- घर पर कुछ रूल्स सबको मानने
के लिए कहे जैसे साथ में बैठ के खाना खाना , मॉर्निंग टी साथ में लेना
- बच्चो के साथ मिलकर कोई नयी
हॉबी या स्किल सीखे जैसे कुकिंग या कोई नया स्पोर्ट्स
- बच्चो के दोस्तों से अपनी कनेक्टिविटी
बनाये उन्हें घर बुलाये और उनके उनके घर जाये इसके साथ ही साथ बच्चे को अपने रिलेटिव
और घर के आस पास के लोगो के साथ घुलना मिलना सिखाएं
क्या न करे
- कोई भी ऐसा
प्रॉमिस न
करे जिसे
पूरा करना
मुश्किल लगे
- ज्यादा महंगे या
अपनी पोजीशन
से ज्यादा
कुछ भी
करने की
कोशिस न
करे
- बच्चे जब गुस्से
में हो
तो उन्हें
समझाने की
कोशिस ना
करे
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