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Friday, 26 April 2019
Saturday, 20 April 2019
एग्जाम से पहले कैसे करे पेरेंटिंग
एग्जाम में
अब कुछ
ही समय
बाकि है
ऐसे में
देखा गया
है की
बच्चो पर
तो एग्जाम
का प्रेशर
होता ही
है साथ
ही साथ
पेरेंट्स पर
भी बहुत
ज्यादा दबाव
होता है
कि वो
किस तरह
बच्चे को
पढायें और
मोटीवेट रख्खे
ऐसे में
पेरेंट्स समझ
नहीं पाते
की वो
क्या करे
और बच्चे
पर जरुरत
से ज्यादा
दबाव बनाने
लगते है
ऐसे में
बच्चा डिप्रेस
होने लगता
है और
उसका पढ़ाई
से मन
हटने लगता
है
क्या क्या होती है गलतियां
- बच्चे कि
तुलना उसके
भाई बहन
या उसकी
ऐज ग्रुप
के बच्चो
से करना
- नेगेटिव शब्दों
का प्रयोग
करना जैसे
तुम फेल
हो जाओगे
, तुम्हारे मार्क्स सबसे काम आएंगे
, इस
पढ़ाई से तुम्हारा कही एड्मिशन
नहीं होगा
- इमोशनल शब्दों
का प्रयोग
करना जैसे
- हम तुम्हे
बहुत मुश्किल
से पढ़ा
रहे है
, तुम्हारी पढ़ाई के लिए हम
बहुत एडजस्टमेंट
कर रहे
है
इत्यादि
- बच्चे से
उम्मीद करना
को वो
हर वक़्त
पढ़ाई करता
रहे
- बच्चे को
एग्जाम के
बीच में
ही नए
नए स्कूल
और कोर्सेज
कि जानकारी
देते रहना
और बताना
कि वहाँ
एडमिशन लेना
बहुत मुश्किल
है
- बच्चे पर
जरुरत से
ज्यादा नियम
लगाना जैसे
- वो घर
से बाहर
ना निकले
,
टीवी और
मोबाइल बिलकुल
ना छुए
, पढ़ाई के
अलावा कोई
और काम
ना करे
क्या करे
- बच्चे के
कमरे को
साफ
रख्खे और
उसके कमरे
में मोटिवेशनल
क़ोटेशन लगाए
- हर दिन बच्चे
से बात
करके उसका
पूरा दिन
प्लान करे
और उसको
वो प्लान
लिख कर
दे
- खाने पीने का
विशेष धयान
रख्खे और
खाने में
फल का
प्रयोग बढ़ा
दे
- बच्चे के सामने
पॉजिटिव बातें
करे और
जब भी
उसकी पढ़ाई
के बारे
में बात
करे तो
पहले उसकी
सारी बात
पूरी तरह
से सुन
ले
- आजकल बच्चे देर
रात तक
पढ़ाई करते
है और
सुबह देर
से उठते
है ऐसे
में उन्हें
सुबह बहुत
जल्दी उठने
का दबाव
ना बनाये
- एग्जाम से अच्छे
नंबर लाने
पर कोई
ना कोई
गिफ्ट देने
का वादा
करे
- बच्चे को उसके
दोस्तों के
साथ थोड़ा
खेलने समय
दे और
टीवी देखने
को
कहे तो कुछ समय जरूर
दे
कैसे सुधारे बच्चे से रिश्ते
आज कल ऐसा देखा
जा रहा
है की
फैमिली में बच्चे पर्सनल
स्पेस की
बहुत ज्यादा
डिमांड करने
लगे है
वो चाहते
है की
उनका रूम
अलग हो
, उनके सारे
सामान कोई
न छुए,
जब वो
कमरे में
हो तो
कोई उन्हें
परेशान ना करे
और पेरेंट्स
उन्हें किसी
भी बात
के लिए
ना रोके और ना
कुछ
कहे , इस
कारण पेरेंट्स
पर बहुत
ज्यादा दबाव
रहता है
की वो
किस तरह
से पेरेंटिंग
करे की
बच्चो को
ज्यादा परेशानी
भी ना
हो और
बच्चे डिस्प्लीन
में
भी रहे
-क्या करे पेरेंट्स
- हफ्ते में एक दिन टीवी ऑफ रखने या मोबाइल और इंटरनेट बहुत कम इतेमाल करने
का बच्चो से प्रॉमिस ले और खुद भी इस नियम को माने
- बच्चो की पॉकेट मनी के बारे
में बात करे वो पैसे कहा खर्च करते है और कैसे पैसे बचाते है इस पर बात करे और उनको
मनी मैनेजमेंट सिखाये
- बच्चो के साथ ज्यादा बाहर जाने
की कोशिश करे इसमें कही घूमने जाना , हिस्टोरिकल प्लेसेस देखना या पार्क में जा के
घूमना शामिल करे
- बच्चो को शेयरिंग करना सुरु
से सिखाएं जैसे गेस्ट आने पर अपना रूम, अपने पुरानी किताबे और कपडे को जरुरत मंद बच्चो को देना
- घर पर कुछ रूल्स सबको मानने
के लिए कहे जैसे साथ में बैठ के खाना खाना , मॉर्निंग टी साथ में लेना
- बच्चो के साथ मिलकर कोई नयी
हॉबी या स्किल सीखे जैसे कुकिंग या कोई नया स्पोर्ट्स
- बच्चो के दोस्तों से अपनी कनेक्टिविटी
बनाये उन्हें घर बुलाये और उनके उनके घर जाये इसके साथ ही साथ बच्चे को अपने रिलेटिव
और घर के आस पास के लोगो के साथ घुलना मिलना सिखाएं
क्या न करे
- कोई भी ऐसा
प्रॉमिस न
करे जिसे
पूरा करना
मुश्किल लगे
- ज्यादा महंगे या
अपनी पोजीशन
से ज्यादा
कुछ भी
करने की
कोशिस न
करे
- बच्चे जब गुस्से
में हो
तो उन्हें
समझाने की
कोशिस ना
करे